*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 16 जून 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग- वरीयान रात्रि 09:03 तक तत्पश्चात परिघा*
*⛅राहु काल - शाम 05:45 से शाम 07:27 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 17 से रात्रि 01:01 जून 17 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹 गंगा दशहरा (समाप्त) - 16 जून 2024 🔹*
*🔸 गंगा स्नान का फल 🔸*
*🔸 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*
*- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012*
*🔸गंगा स्नान का मंत्र🔸*
*🔸गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..*
*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*
*🔸ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...*
*🔹नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :🔹*
*🔸शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I*
*🔸नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I*
*🔸विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I*
*🔸कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I*
*🔸गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I*
*🔸सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*
*⛅दिनांक - 16 जून 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी*
*⛅नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग- वरीयान रात्रि 09:03 तक तत्पश्चात परिघा*
*⛅राहु काल - शाम 05:45 से शाम 07:27 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:13 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 17 से रात्रि 01:01 जून 17 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा*
*⛅विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹 गंगा दशहरा (समाप्त) - 16 जून 2024 🔹*
*🔸 गंगा स्नान का फल 🔸*
*🔸 "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*
*- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012*
*🔸गंगा स्नान का मंत्र🔸*
*🔸गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..*
*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*
*🔸ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...*
*🔹नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :🔹*
*🔸शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I*
*🔸नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I*
*🔸विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में “यूरिक एसिड” बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I*
*🔸कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I*
*🔸गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I*
*🔸सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 16 जून 2024* *⛅दिन - रविवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - दशमी प्रातः 04:43 जून 17 तक तत्पश्चात एकादशी* *⛅नक्षत्र - हस्त प्रातः 11:13 तक तत्पश्चात…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 17 जून 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - चित्रा दोपहर 01.50 तक तत्पश्चात स्वाति*
*⛅योग- परिघा रात्रि 09:35 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल - प्रातः 07:36 से प्रातः 09:17 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 18 से रात्रि 01:02 जून 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि*
*⛅विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹निर्जला एकादशी महिमा🌹*
*🌹वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है ।*
*🌹एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते ।*
*🌹स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है ।*
*🌹जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता है ।*
*🌹मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है ।*
*🌹 जिन्होंने निर्जला एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।*
*🌹जो ‘निर्जला एकादशी’ के दिन ब्राह्मण को पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा सन्तुष्ट करता है उन्हें भगवान श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं ।*
*🌹जिन्होंने भगवान श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है ।*
*🌹जो निर्जला एकादशी के दिन श्रेष्ठ ब्राम्हण को अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु, जोता तथा छाता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है ।*
*🌹जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है ।*
*🌹चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है ।*
*🔸 निर्जला एकादशी आसानी से कैसे करें ?🔸*
*🔹सुबह सूर्योदय से पहले-पहले भरपेट पानी पी लें ।*
*🔹अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी ।*
*🔹सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी ।*
*🔹दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।*
*🔹अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें, सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।*
*⛅दिनांक - 17 जून 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - चित्रा दोपहर 01.50 तक तत्पश्चात स्वाति*
*⛅योग- परिघा रात्रि 09:35 तक तत्पश्चात शिव*
*⛅राहु काल - प्रातः 07:36 से प्रातः 09:17 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:12 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 18 से रात्रि 01:02 जून 18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - एकादशी वृद्धि तिथि*
*⛅विशेष - एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹निर्जला एकादशी महिमा🌹*
*🌹वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है ।*
*🌹एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते ।*
*🌹स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है ।*
*🌹जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता है ।*
*🌹मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है ।*
*🌹 जिन्होंने निर्जला एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।*
*🌹जो ‘निर्जला एकादशी’ के दिन ब्राह्मण को पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा सन्तुष्ट करता है उन्हें भगवान श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं ।*
*🌹जिन्होंने भगवान श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है ।*
*🌹जो निर्जला एकादशी के दिन श्रेष्ठ ब्राम्हण को अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु, जोता तथा छाता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है ।*
*🌹जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है ।*
*🌹चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है ।*
*🔸 निर्जला एकादशी आसानी से कैसे करें ?🔸*
*🔹सुबह सूर्योदय से पहले-पहले भरपेट पानी पी लें ।*
*🔹अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी ।*
*🔹सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी ।*
*🔹दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।*
*🔹अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें, सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 17 जून 2024* *⛅दिन - सोमवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - एकादशी प्रातः 4:44 जून 17 से प्रातः 06:24 जून 18 तक, तत्पश्चात द्वादशी* *⛅नक्षत्र - चित्रा…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 18 जून 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - स्वाति दोपहर 03.56 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग- शिव रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल - शाम 04:04 से शाम 05:46 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 19 से रात्रि 01:02 जून 19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - निर्जला एकादशी, गायत्री माता जयंती*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*❇️निर्जला एकादशी विशेष:*
*❇️18 जून को सूर्योदय से पूर्व जल ग्रहण करना है।*
*❇️19 जून को स्थानीय सूर्योदय के बाद निर्जला एकादशी का पारण करना है।*
*🌹निर्जला एकादशी 18 जून 2024🌹*
*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*
*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
*⛅दिनांक - 18 जून 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - स्वाति दोपहर 03.56 तक तत्पश्चात विशाखा*
*⛅योग- शिव रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*⛅राहु काल - शाम 04:04 से शाम 05:46 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:54*
*⛅सूर्यास्त - 07:27*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 19 से रात्रि 01:02 जून 19 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - निर्जला एकादशी, गायत्री माता जयंती*
*⛅विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*❇️निर्जला एकादशी विशेष:*
*❇️18 जून को सूर्योदय से पूर्व जल ग्रहण करना है।*
*❇️19 जून को स्थानीय सूर्योदय के बाद निर्जला एकादशी का पारण करना है।*
*🌹निर्जला एकादशी 18 जून 2024🌹*
*🔹एकदाशी में क्या करें, क्या ना करें ?*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें, नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करे ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, विष्णु सहस्रनाम पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l*
*🌹राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकदशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाएं । इस दिन फल आहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के ( दशमी, एकादशी और द्वादशी ) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें, इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹 इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 19 जून 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी प्रातः 07:28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - विशाखा शाम 05.23 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग- सिद्ध रात्रि 09:12 तक तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:23 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 20 से रात्रि 01:02 जून 20 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌹 *निर्जला एकादशी व्रत तोड़ने की विधि:-*
*🌹 19 जून को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को लाल फूल डालकर अर्ध्य दें ।*
*🌹 7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये*
*🌹 (14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ*
*🌹 कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।*
*🌹 उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें*
*🌹 एक डेढ़ घण्टे बाद बहुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी-धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।*
*🌹 19 जून को पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।*
*🔹धंधे में बरकत एवं घर के क्लेश मिटाने हेतु🔹*
*🔸घर में अगर कोई मुसीबत है, कोई चिंता है, कोई भूत-प्रेत का साया है, बेरोजगारी है अथवा कुछ गड़बड़ है तो ताबीजों में, डोरे-धागों में और अला बाँधू, बला बाँधू.... भूत बाँधू इन झाड़-फूँक करनेवालों के चक्कर में मत पड़ो । पानी सामने रखो और गुरुगीता का पाठ करके पानी में देखो, फिर 'ॐ गुरु, ॐ गुरु...' जप करके वह पानी घर में छिड़को और तुम पियो । इससे काम-धंधे में बरकत चाहिए तो बरकत होती है, घर के क्लेश मिटाने हैं उसमें भी लाभ होता है तथा तुम्हें और कोई विघ्न-बाधा है तो वह भी दूर होती है ।*
*ऋषि प्रसाद - जून 2023*
*⛅दिनांक - 19 जून 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - द्वादशी प्रातः 07:28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - विशाखा शाम 05.23 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग- सिद्ध रात्रि 09:12 तक तत्पश्चात साध्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:23 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:20 जून 20 से रात्रि 01:02 जून 20 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है | (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌹 *निर्जला एकादशी व्रत तोड़ने की विधि:-*
*🌹 19 जून को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को लाल फूल डालकर अर्ध्य दें ।*
*🌹 7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये*
*🌹 (14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ*
*🌹 कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।*
*🌹 उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें*
*🌹 एक डेढ़ घण्टे बाद बहुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी-धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।*
*🌹 19 जून को पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।*
*🔹धंधे में बरकत एवं घर के क्लेश मिटाने हेतु🔹*
*🔸घर में अगर कोई मुसीबत है, कोई चिंता है, कोई भूत-प्रेत का साया है, बेरोजगारी है अथवा कुछ गड़बड़ है तो ताबीजों में, डोरे-धागों में और अला बाँधू, बला बाँधू.... भूत बाँधू इन झाड़-फूँक करनेवालों के चक्कर में मत पड़ो । पानी सामने रखो और गुरुगीता का पाठ करके पानी में देखो, फिर 'ॐ गुरु, ॐ गुरु...' जप करके वह पानी घर में छिड़को और तुम पियो । इससे काम-धंधे में बरकत चाहिए तो बरकत होती है, घर के क्लेश मिटाने हैं उसमें भी लाभ होता है तथा तुम्हें और कोई विघ्न-बाधा है तो वह भी दूर होती है ।*
*ऋषि प्रसाद - जून 2023*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 19 जून 2024* *⛅दिन - बुधवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - द्वादशी प्रातः 07:28 तक तत्पश्चात त्रयोदशी* *⛅नक्षत्र - विशाखा शाम 05.23 तक तत्पश्चात अनुराधा*…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 20 जून 2024*
*⛅दिन - गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी प्रातः 07:49 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा शाम 06.10 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग- साध्य रात्रि 08:13 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:23 से शाम 04:05 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 21 से रात्रि 01:02 जून 21 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कोई नहीं*
*⛅विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹युवाधन सुरक्षा (वीर्यरक्षा के उपाय)🔹*
*🔸1. सादा रहन-सहन बनायें - लाल रंग के भड़कीले एवं रेशमी कपड़े नहीं पहनो । तेल-फुलेल और भाँति-भाँति के इत्रों का प्रयोग करने से बचो । जीवन में जितनी तड़क-भड़क बढ़ेगी, इन्द्रियाँ उतनी चंचल हो उठेंगी, फिर वीर्यरक्षा तो दूर की बात है ।*
*🔸2. उपयुक्त आहार - आप स्वादलोलुप नहीं बनो । जिह्वा को नियंत्रण में रखो । क्या खायें, कब खायें, कैसे खायें और कितना खायें इसका विवेक नहीं रखा तो पेट खराब होगा, शरीर को रोग घेर लेंगे, वीर्यनाश को प्रोत्साहन मिलेगा और अपने को पतन के रास्ते जाने से नहीं रोक सकोगे ।*
*🔸3. शिश्नेन्द्रिय स्नान - शौच के समय एवं लघुशंका के समय साथ में गिलास अथवा लोटे में ठंड़ा जल लेकर जाओ और उससे शिश्नेन्द्रिय को धोया करो । कभी-कभी उस पर ठंड़े पानी की धार किया करो । इससे कामवृत्ति का शमन होता है और स्वप्नदोष नहीं होता ।*
*🔸4. उचित आसन एवं व्यायाम करो - जिसका शरीर स्वस्थ नहीं रहता, उसका मन अधिक विकारग्रस्त होता है । इसलिये रोज प्रातः व्यायाम एवं आसन करने का नियम बना लो । रोज प्रातः काल 3-4 मिनट दौड़ने और तेजी से टहलने से भी शरीर को अच्छा व्यायाम मिल जाता है । सूर्यनमस्कार 13 अथवा उससे अधिक किया करो तो उत्तम है । इसमें आसन व व्यायाम दोनों का समावेश होता है ।*
*🔸5. ब्रह्ममुहूर्त में उठो - स्वप्नदोष अधिकांशतः रात्रि के अंतिम प्रहर में हुआ करता है । इसलिये प्रातः चार-साढ़े चार बजे यानी ब्रह्ममुहूर्त में ही शैया का त्याग कर दो । जो लोग प्रातः काल देरी तक सोते रहते हैं, उनका जीवन निस्तेज हो जाता है ।*
*🔸6.दुर्व्यसनों से दूर रहो - शराब एवं बीड़ी-सिगरेट-तम्बाकू का सेवन मनुष्य की कामवासना को उद्यीप्त करता है । नशीली वस्तुओं के सेवन से फेफड़े और हृदय कमजोर हो जाते हैं, सहनशक्ति घट जाती है और आयुष्य भी कम हो जाता है ।अमरीकी डॉक्टरों ने खोज करके बतलाया है कि नशीली वस्तुओं के सेवन से कामभाव उत्तेजित होने पर वीर्य पतला और कमजोर पड़ जाता है ।*
*🔸7.सत्संग करो - आप सत्संग नहीं करोगे तो कुसंग अवश्य होगा । इसलिये मन, वचन, कर्म से सदैव सत्संग का ही सेवन करो ।*
*🔸8. शुभ संकल्प करो - दृढ़ संकल्प करने से वीर्यरक्षण में मदद होती है और वीर्यरक्षण से संकल्पबल बढ़ता है । विश्वासो फलदायकः । जैसा विश्वास और जैसी श्रद्धा होगी वैसा ही फल प्राप्त होगा । ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में यह संकल्पबल असीम होता है । वस्तुतः ब्रह्मचर्य की तो वे जीती-जागती मुर्ति ही होते हैं ।*
*🔸9. त्रिबन्धयुक्त प्राणायाम और योगाभ्यास करो - त्रिबन्ध करके प्राणायाम करने से विकारी जीवन सहज भाव से निर्विकारिता में प्रवेश करने लगता है । मूलबन्ध से विकारों पर विजय पाने का सामर्थ्य आता है । उड्डियानबन्ध से आदमी उन्नति में विलक्षण उड़ान ले सकता है । जालन्धरबन्ध से बुद्धि विकसित होती है ।*
*🔸10. स्त्री-जाति के प्रति मातृभाव प्रबल करो श्री रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे : “ किसी सुंदर स्त्री पर नजर पड़ जाए तो उसमें माँ जगदम्बा के दर्शन करो । ऐसा विचार करो कि यह अवश्य देवी का अवतार है, तभी तो इसमें इतना सौंदर्य है | माँ प्रसन्न होकर इस रूप में दर्शन दे रही है, ऐसा समझकर सामने खड़ी स्त्री को मन-ही-मन प्रणाम करो । इससे तुम्हारे भीतर काम विकार नहीं उठ सकेगा ।*
*⛅दिनांक - 20 जून 2024*
*⛅दिन - गुरूवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी प्रातः 07:49 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा शाम 06.10 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग- साध्य रात्रि 08:13 तक तत्पश्चात शुभ*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:23 से शाम 04:05 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 21 से रात्रि 01:02 जून 21 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - कोई नहीं*
*⛅विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹युवाधन सुरक्षा (वीर्यरक्षा के उपाय)🔹*
*🔸1. सादा रहन-सहन बनायें - लाल रंग के भड़कीले एवं रेशमी कपड़े नहीं पहनो । तेल-फुलेल और भाँति-भाँति के इत्रों का प्रयोग करने से बचो । जीवन में जितनी तड़क-भड़क बढ़ेगी, इन्द्रियाँ उतनी चंचल हो उठेंगी, फिर वीर्यरक्षा तो दूर की बात है ।*
*🔸2. उपयुक्त आहार - आप स्वादलोलुप नहीं बनो । जिह्वा को नियंत्रण में रखो । क्या खायें, कब खायें, कैसे खायें और कितना खायें इसका विवेक नहीं रखा तो पेट खराब होगा, शरीर को रोग घेर लेंगे, वीर्यनाश को प्रोत्साहन मिलेगा और अपने को पतन के रास्ते जाने से नहीं रोक सकोगे ।*
*🔸3. शिश्नेन्द्रिय स्नान - शौच के समय एवं लघुशंका के समय साथ में गिलास अथवा लोटे में ठंड़ा जल लेकर जाओ और उससे शिश्नेन्द्रिय को धोया करो । कभी-कभी उस पर ठंड़े पानी की धार किया करो । इससे कामवृत्ति का शमन होता है और स्वप्नदोष नहीं होता ।*
*🔸4. उचित आसन एवं व्यायाम करो - जिसका शरीर स्वस्थ नहीं रहता, उसका मन अधिक विकारग्रस्त होता है । इसलिये रोज प्रातः व्यायाम एवं आसन करने का नियम बना लो । रोज प्रातः काल 3-4 मिनट दौड़ने और तेजी से टहलने से भी शरीर को अच्छा व्यायाम मिल जाता है । सूर्यनमस्कार 13 अथवा उससे अधिक किया करो तो उत्तम है । इसमें आसन व व्यायाम दोनों का समावेश होता है ।*
*🔸5. ब्रह्ममुहूर्त में उठो - स्वप्नदोष अधिकांशतः रात्रि के अंतिम प्रहर में हुआ करता है । इसलिये प्रातः चार-साढ़े चार बजे यानी ब्रह्ममुहूर्त में ही शैया का त्याग कर दो । जो लोग प्रातः काल देरी तक सोते रहते हैं, उनका जीवन निस्तेज हो जाता है ।*
*🔸6.दुर्व्यसनों से दूर रहो - शराब एवं बीड़ी-सिगरेट-तम्बाकू का सेवन मनुष्य की कामवासना को उद्यीप्त करता है । नशीली वस्तुओं के सेवन से फेफड़े और हृदय कमजोर हो जाते हैं, सहनशक्ति घट जाती है और आयुष्य भी कम हो जाता है ।अमरीकी डॉक्टरों ने खोज करके बतलाया है कि नशीली वस्तुओं के सेवन से कामभाव उत्तेजित होने पर वीर्य पतला और कमजोर पड़ जाता है ।*
*🔸7.सत्संग करो - आप सत्संग नहीं करोगे तो कुसंग अवश्य होगा । इसलिये मन, वचन, कर्म से सदैव सत्संग का ही सेवन करो ।*
*🔸8. शुभ संकल्प करो - दृढ़ संकल्प करने से वीर्यरक्षण में मदद होती है और वीर्यरक्षण से संकल्पबल बढ़ता है । विश्वासो फलदायकः । जैसा विश्वास और जैसी श्रद्धा होगी वैसा ही फल प्राप्त होगा । ब्रह्मज्ञानी महापुरुषों में यह संकल्पबल असीम होता है । वस्तुतः ब्रह्मचर्य की तो वे जीती-जागती मुर्ति ही होते हैं ।*
*🔸9. त्रिबन्धयुक्त प्राणायाम और योगाभ्यास करो - त्रिबन्ध करके प्राणायाम करने से विकारी जीवन सहज भाव से निर्विकारिता में प्रवेश करने लगता है । मूलबन्ध से विकारों पर विजय पाने का सामर्थ्य आता है । उड्डियानबन्ध से आदमी उन्नति में विलक्षण उड़ान ले सकता है । जालन्धरबन्ध से बुद्धि विकसित होती है ।*
*🔸10. स्त्री-जाति के प्रति मातृभाव प्रबल करो श्री रामकृष्ण परमहंस कहा करते थे : “ किसी सुंदर स्त्री पर नजर पड़ जाए तो उसमें माँ जगदम्बा के दर्शन करो । ऐसा विचार करो कि यह अवश्य देवी का अवतार है, तभी तो इसमें इतना सौंदर्य है | माँ प्रसन्न होकर इस रूप में दर्शन दे रही है, ऐसा समझकर सामने खड़ी स्त्री को मन-ही-मन प्रणाम करो । इससे तुम्हारे भीतर काम विकार नहीं उठ सकेगा ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 जून 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्दशी प्रातः 07:31 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा शाम 06:19 तक तत्पश्चात मूल*
*⛅योग- शुभ शाम 06:42 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल - प्रातः 11:00 से दोपहर 12:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 22 से रात्रि 01:03 जून 22 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - ज्येष्ठ पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत), अंतराष्ट्रीय योग दिवस*
*⛅विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹धन-लाभ के साथ पायें पुण्यलाभ व आरोग्य🔹*
*🔸व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :*
*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् ।* *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*🔸इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है । शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*
*ऋषिप्रसाद - जून 2023*
*🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं*
*🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'*
*🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'*
*🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹*
*🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।*
*🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'*
*🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹*
*🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !*
*⛅दिनांक - 21 जून 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्दशी प्रातः 07:31 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र - ज्येष्ठा शाम 06:19 तक तत्पश्चात मूल*
*⛅योग- शुभ शाम 06:42 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल - प्रातः 11:00 से दोपहर 12:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 22 से रात्रि 01:03 जून 22 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - ज्येष्ठ पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत), अंतराष्ट्रीय योग दिवस*
*⛅विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास और तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹धन-लाभ के साथ पायें पुण्यलाभ व आरोग्य🔹*
*🔸व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें । परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :*
*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् ।* *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*🔸इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है । शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है ।*
*ऋषिप्रसाद - जून 2023*
*🔹आलूप्रेमी सावधान ! आलू-सेवन खतरे से खाली नहीं*
*🔸चरक संहिता में आलू को कंदों में सबसे अधिक अहितकर बताया गया है । आधुनिक शोधकर्ता भी आलू की कई हानियाँ बता रहे हैं । हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार 'तले हुए आलू खाने से चिंता व अवसाद (depres sion) के साथ मोटापा, हृदयरोग, मधुमेह (dia- betes) व तंत्रिका तंत्र (nervous system) संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है ।'*
*🔸यू.के. की फूड स्टैंडर्ड्स एजेंसी (FSA) ने भी चेताया है कि अधिक पकाये हुए आलू के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । अमेरिकी मीडिया का कहना है कि 'जो लोग हफ्ते में दो या दो से अधिक बार तले हुए आलू खाते हैं उनकी अकाल मृत्यु का खतरा न खानेवालों की अपेक्षा दुगना हो जाता है ।'*
*🔹ऐसे बनाया जा रहा है तेजाबी आलू🔹*
*🔸उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड आदि कई राज्यों से पुराने आलू को नया बनाने की आ रहीं खबरों ने सबको चौंका दिया है । मुनाफाखोर जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें पानी भर देते हैं और तेजाब, मिट्टी व गेरुआ रंग मिला देते हैं फिर कोल्ड स्टोर से निकाले पुराने आलू इस मिश्रण में रखते हैं। तेजाब के प्रभाव से पुराने आलू की ऊपरी परत झुलस जाती है और गेरुआ रंग व मिट्टी उन पर चिपक जाती है ।*
*🔸एक तो आलू प्राकृतिक रूप से ही हानिकारक है, ऊपर से इस प्रकार की मिलावट लोगों के स्वास्थ्य की कब्र खोदने का काम कर रही है । स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सावधान करते हुए कहा है कि 'तेजाबी आलू न सिर्फ लीवर को बल्कि शरीर के सभी तंत्रों को नुकसान पहुँचाते हैं ।'*
*🔹सड़े आलुओं का हो रहा है व्यंजनों में उपयोग🔹*
*🔸आलू से बने व्यंजन, जिन्हें लोग बड़े चाव से खाते हैं, उनकी असलियत बड़ी भयानक देखने को मिल रही है । आलुओं थोक विक्रेताओं के यहाँ से २८५ किलो से अधिक सड़े आलू बरामद किये गये, जिन्हें विशेषरूप से शहर के पानीपूरी विक्रेताओं को कम दाम में बेचा जा रहा था । इसके अलावा देश के विभिन्न भागों से चाट पकौड़े के विक्रेताओं, होटलों आदि द्वारा सड़े आलू खरीदने की घटनाएँ भी आये दिन सामने आती रहती हैं । ऐसे में जरा सोचिये कि बर्गर, चिप्स, आलू टिक्की आदि आलू से बने जिन पदार्थों को इन सबसे अनजान लोग बड़े चाव से खाते हैं वे स्वास्थ्य की दृष्टि से कितने घातक !*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 22 जून 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग- शुक्ल शाम 04:45 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल - प्रातः 09:21 से प्रातः 11:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 23 से रात्रि 01:03 जून 23 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - संत कबीर जयंती, गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹गुलाब चूर्ण🌹*
*🔹यह विटामिन ‘ए’ व ‘सी’ तथा कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज आदि पोषक तत्त्वों स भरपूर है ।*
*🔹इससे नियमित मंजन करने से दाँत एवं मसूड़े मजबूत होते हैं । यह मुँह की दुर्गंध, दाँतों का हिलना, दाँतों का दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों की सूजन आदि दंत-रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹इसके सेवन से यकृत (liver), आमाशय एवं हृदय को बल मिलता है । बढ़ती उम्र के कारण त्वचा पर आनेवाली झुर्रियाँ कम होकर त्वचा में निखार आता है ।*
*जोड़ों के दर्द एवं सूजन, मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, आमाशय व्रण (peptic ulcer), दस्त, रक्तस्राव आदि रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹अधिक पसीना व शरीर से दुर्गंध आने पर इसके चूर्ण से मलकर स्नान करें ।*
*🔹इसका धूप करने से वातावरण में ताजगी, पवित्रता एवं मस्तिष्क में स्फूर्ति का संचार होता है।*
*🌹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*
*🔹 'ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं - 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी । जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी ।' ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मन्त्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*🔹ऋषिप्रसाद – मई 2018 से*
*🔹जो लोग शनिवार को क्षौर कर्म कराते हैं उनके आयुष्य क्षीण होता है, अकाल मृत्यु अथवा दुर्घटना का भय रहेगा।*
*⛅दिनांक - 22 जून 2024*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - ज्येष्ठ*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*⛅नक्षत्र - मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*
*⛅योग- शुक्ल शाम 04:45 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
*⛅राहु काल - प्रातः 09:21 से प्रातः 11:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 23 से रात्रि 01:03 जून 23 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - संत कबीर जयंती, गुरु हरगोबिंद सिंह जयंती*
*⛅विशेष - प्रतिपदा को कुष्मांड (कुम्हड़ा, पेठा) न खायें क्योंकि यह धन का नाश करनेवाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹गुलाब चूर्ण🌹*
*🔹यह विटामिन ‘ए’ व ‘सी’ तथा कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज आदि पोषक तत्त्वों स भरपूर है ।*
*🔹इससे नियमित मंजन करने से दाँत एवं मसूड़े मजबूत होते हैं । यह मुँह की दुर्गंध, दाँतों का हिलना, दाँतों का दर्द, मसूड़ों से खून आना, मसूड़ों की सूजन आदि दंत-रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹इसके सेवन से यकृत (liver), आमाशय एवं हृदय को बल मिलता है । बढ़ती उम्र के कारण त्वचा पर आनेवाली झुर्रियाँ कम होकर त्वचा में निखार आता है ।*
*जोड़ों के दर्द एवं सूजन, मधुमेह (diabetes), हृदयरोग, आमाशय व्रण (peptic ulcer), दस्त, रक्तस्राव आदि रोगों में लाभदायी है ।*
*🔹अधिक पसीना व शरीर से दुर्गंध आने पर इसके चूर्ण से मलकर स्नान करें ।*
*🔹इसका धूप करने से वातावरण में ताजगी, पवित्रता एवं मस्तिष्क में स्फूर्ति का संचार होता है।*
*🌹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग*
*🔹 'ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं - 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी । जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी ।' ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मन्त्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । ( ब्रह्म पुराण )*
*🔹हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*
*🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*
*🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ’ मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*🔹ऋषिप्रसाद – मई 2018 से*
*🔹जो लोग शनिवार को क्षौर कर्म कराते हैं उनके आयुष्य क्षीण होता है, अकाल मृत्यु अथवा दुर्घटना का भय रहेगा।*
Hindu Panchang Daily हिन्दू पंचांग 🚩 pinned «*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞* *⛅दिनांक - 22 जून 2024* *⛅दिन - शनिवार* *⛅विक्रम संवत् - 2081* *⛅अयन - उत्तरायण* *⛅ऋतु - ग्रीष्म* *⛅मास - ज्येष्ठ* *⛅पक्ष - शुक्ल* *⛅तिथि - पूर्णिमा प्रातः 06:37 तक तत्पश्चात प्रतिपदा* *⛅नक्षत्र - मूल शाम 05:54 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढ़ा*…»
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 23 जून 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीय प्रातः 03:25 जून 24 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 05:03 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग- ब्रह्म दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात इंद्र*
*⛅राहु काल - शाम 05:40 से शाम 07:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 24 से रात्रि 01:03 जून 24 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, त्रिपुष्कर योग (शाम 05:03 से प्रातः 03:25 जून 24 तक), सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 05:03 से प्रातः 06:03 जून 24 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीय को बृहति (छोटा बैंगन, कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹रविवार विशेष🔹*
*🔹रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।*
*🔹रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।*
*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो ...*
*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो प्रतिदिन प्रात:काल पीपल के नीचे वृक्ष के दक्षिण की ओर अरंडी के तेल का दीपक जलायें तथा थोड़ी देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम जपें और उस व्यक्ति को भगवान सद्बुद्धि दें तथा मेरा, उसका-सबका मंगल हो ऐसी प्रार्थना करें । कुछ दिनों तक ऐसा करने से शत्रु शनै: शनै : दब जाते हैं व शत्रु पीड़ा धीरे-धीरे दूर हो जाती है ।*
*ऋषिप्रसाद – अगस्त २०२०*
*⛅दिनांक - 23 जून 2024*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीय प्रातः 03:25 जून 24 तक तत्पश्चात तृतीया*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा शाम 05:03 तक तत्पश्चात उत्तराषाढ़ा*
*⛅योग- ब्रह्म दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात इंद्र*
*⛅राहु काल - शाम 05:40 से शाम 07:19 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 24 से रात्रि 01:03 जून 24 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, त्रिपुष्कर योग (शाम 05:03 से प्रातः 03:25 जून 24 तक), सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 05:03 से प्रातः 06:03 जून 24 तक)*
*⛅विशेष - द्वितीय को बृहति (छोटा बैंगन, कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹रविवार विशेष🔹*
*🔹रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*🔹रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
*🔹रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
*🔹रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*
*🔹रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*
*🔹स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*
*🔹रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्ष करना निषेध है ।*
*🔹रविवार के दिन तुलसी पत्त्ता तोड़ना वर्जित है ।*
*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो ...*
*🔹कोई आपको शत्रु मान के परेशान करता हो तो प्रतिदिन प्रात:काल पीपल के नीचे वृक्ष के दक्षिण की ओर अरंडी के तेल का दीपक जलायें तथा थोड़ी देर गुरुमंत्र या भगवन्नाम जपें और उस व्यक्ति को भगवान सद्बुद्धि दें तथा मेरा, उसका-सबका मंगल हो ऐसी प्रार्थना करें । कुछ दिनों तक ऐसा करने से शत्रु शनै: शनै : दब जाते हैं व शत्रु पीड़ा धीरे-धीरे दूर हो जाती है ।*
*ऋषिप्रसाद – अगस्त २०२०*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 24 जून 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया रात्रि 01:23 जून 25 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग- इंद्र सुबह 11:52 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल - प्रातः 07:42 से प्रातः 09:22 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 25 से रात्रि 01:03 जून 25 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, सर्वार्थसिद्धि योग (दोपहर 03:54 से प्रातः 06:03 जून 25 तक)*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹*
*१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।*
*२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।*
*३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।*
*४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।*
*५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।* *ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से*
*🔹स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो🔹*
*स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो रात को सवा लीटर पानी रख दो ... सुबह ज्यादा ठंडा हो तो थोड़ा गरम पानी मिला दो .... ७ तुलसी के पत्ते खा लो .... पानी पी लो .... फिर थोड़ा घूमो .... 8 दिन के अन्दर स्त्री संबंधी कई बीमारी भाग जाएगी ..... मासिक संबंध की कई तकलीफ ठीक हो जाएगी .... अधिक आना... देर से आना... पीड़ा से आना सब ठीक हो जायेगा .... कब्जियत भी ठीक हो जाएगी ।*
*🌹- पूज्य बापूजी लुधियाना 23/11/2011*
*⛅दिनांक - 24 जून 2024*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया रात्रि 01:23 जून 25 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात श्रवण*
*⛅योग- इंद्र सुबह 11:52 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल - प्रातः 07:42 से प्रातः 09:22 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:55*
*⛅सूर्यास्त - 07:28*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:13 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:14 से दोपहर 01:09 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:21 जून 25 से रात्रि 01:03 जून 25 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - विद्यालाभ योग, सर्वार्थसिद्धि योग (दोपहर 03:54 से प्रातः 06:03 जून 25 तक)*
*⛅विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹लक्ष्मी के नाराज होने के कारण🔹*
*१] कमल-पुष्प, बिल्वपत्र को लाँघने अथवा पैरों से कुचलने पर लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं ।*
*२] जो निर्वस्त्र होकर स्नान करता है, नदियों, तालाबों के जल में मल-मूत्र त्यागता है उसको लक्ष्मी अपने शत्रु कर्ज के हवाले कर देती हैं ।*
*३] जो भूमि या भवन की दीवारों पर अनावश्यक लिखता है, कुत्सित अन्न खाता है उस पर भी लक्ष्मी कृपा नहीं करती हैं ।*
*४] जो पैर से पैर रगडकर धोता है, अतिथियों का सम्मान नहीं करता, याचकों को दुत्कारता है, पशु-पक्षियों को चारा, दाना आदि नहीं डालता है, गाय पर प्रहार करता है, ऐसे व्यक्ति को लक्ष्मी तुरंत छोड़ देती हैं ।*
*५] जो संध्या के समय घर-प्रतिष्ठान में झाड़ू लगाता है, जो प्रात: एवं संध्याकाल में ईश्वर की आराधना नहीं करता, तुलसी के पौधे की उपेक्षा, अनादर करता है उसको लक्ष्मी उसके दुर्भाग्य के हाथों में सौंप देती हैं ।* *ऋषिप्रसाद – जून २०१९ से*
*🔹स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो🔹*
*स्त्री संबंधी कोई तकलीफ हो तो रात को सवा लीटर पानी रख दो ... सुबह ज्यादा ठंडा हो तो थोड़ा गरम पानी मिला दो .... ७ तुलसी के पत्ते खा लो .... पानी पी लो .... फिर थोड़ा घूमो .... 8 दिन के अन्दर स्त्री संबंधी कई बीमारी भाग जाएगी ..... मासिक संबंध की कई तकलीफ ठीक हो जाएगी .... अधिक आना... देर से आना... पीड़ा से आना सब ठीक हो जायेगा .... कब्जियत भी ठीक हो जाएगी ।*
*🌹- पूज्य बापूजी लुधियाना 23/11/2011*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 25 जून 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी रात्रि 11:10 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - श्रवण दोपहर 02.32 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग - वैधृति प्रातः 09:06 तक तत्पश्चात विष्कुंभ*
*⛅राहु काल - शाम 04:06 से शाम 05:47 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 26 से रात्रि 01:03 जून 26 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - अंगारकी मंगलवारी चतुर्थी सूर्योदय से रात्रि 11:10 तक, कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हो तो ....*
*🔸घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख की झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें ।*
*🔸नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये ।*
*🔸कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।*
*📖ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२२*
*🔹भय दूर करने हेतु🔹*
*🔸आनंद रामायण में आता है कि सोते समय या प्रात: अथवा यात्रा के आरम्भ के समय कोई भयभीत व्यक्ति हनुमानजी के ये १२ नाम लेता है तो उसका भय दूर हो जाता है ।*
*१] हनुमान*
*२] अंजनीसुत (अंजनीपुत्र)*
*३] वायुपुत्र*
*४] महाबली*
*५] रामेष्ट अर्थात रामजी के प्रिय*
*६] फाल्गुनसख ( अर्जुन के मित्र)*
*७] पिंगाक्ष (भूरे नेत्रवाले)*
*८] अमिताविक्रम ( अनंत बलशाली)*
*९] उदधिक्रमण (समुद्र लाँघनेवाले )*
*१०] सीताशोकविनाशन*
*११] लक्ष्मणप्राणदाता*
*१२] दशग्रीवदर्पहा अर्थात रावण के घमंड को दूर करनेवाले ।*
*📖ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२१ से*
*🔹इससे पुस्तक का निरादर होता है🔹*
*पुस्तक उलटी नहीं रखनी चाहिए । इससे उसका निरादर होता है । वास्तव में सभी वस्तुएँ भगवत्स्वरूप होने से चिन्मय है । अत: किसी भी वस्तु को जड समझकर उसका निरादर नहीं करना चाहिए ।*
*📖ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से*
*⛅दिनांक - 25 जून 2024*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - चतुर्थी रात्रि 11:10 तक तत्पश्चात पंचमी*
*⛅नक्षत्र - श्रवण दोपहर 02.32 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग - वैधृति प्रातः 09:06 तक तत्पश्चात विष्कुंभ*
*⛅राहु काल - शाम 04:06 से शाम 05:47 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 26 से रात्रि 01:03 जून 26 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - अंगारकी मंगलवारी चतुर्थी सूर्योदय से रात्रि 11:10 तक, कृष्णपिंगल संकष्टी चतुर्थी*
*⛅विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹कलह, धन-हानि व रोग-बाधा से परेशान हो तो ....*
*🔸घर में कलहपूर्ण वातावरण, धन-हानि एवं रोग-बाधा से परेशानी होती हो तो आप अपने घर में मोरपंख की झाड़ू या मोरपंख पूजा-स्थल में रखें ।*
*🔸नित्य नियम के बाद मन-ही-मन भगवन्नाम या गुरुमंत्र का जप करते हुए इस पंख या झाड़ू को प्रत्येक कमरे में एवं रोग-पीड़ित के चारों तरफ गोल-गोल घुमाये ।*
*🔸कुछ देर ‘ॐकार ‘ का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।*
*📖ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२२*
*🔹भय दूर करने हेतु🔹*
*🔸आनंद रामायण में आता है कि सोते समय या प्रात: अथवा यात्रा के आरम्भ के समय कोई भयभीत व्यक्ति हनुमानजी के ये १२ नाम लेता है तो उसका भय दूर हो जाता है ।*
*१] हनुमान*
*२] अंजनीसुत (अंजनीपुत्र)*
*३] वायुपुत्र*
*४] महाबली*
*५] रामेष्ट अर्थात रामजी के प्रिय*
*६] फाल्गुनसख ( अर्जुन के मित्र)*
*७] पिंगाक्ष (भूरे नेत्रवाले)*
*८] अमिताविक्रम ( अनंत बलशाली)*
*९] उदधिक्रमण (समुद्र लाँघनेवाले )*
*१०] सीताशोकविनाशन*
*११] लक्ष्मणप्राणदाता*
*१२] दशग्रीवदर्पहा अर्थात रावण के घमंड को दूर करनेवाले ।*
*📖ऋषिप्रसाद – अप्रैल २०२१ से*
*🔹इससे पुस्तक का निरादर होता है🔹*
*पुस्तक उलटी नहीं रखनी चाहिए । इससे उसका निरादर होता है । वास्तव में सभी वस्तुएँ भगवत्स्वरूप होने से चिन्मय है । अत: किसी भी वस्तु को जड समझकर उसका निरादर नहीं करना चाहिए ।*
*📖ऋषिप्रसाद – अक्टूबर २०२० से*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 26 जून 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 01:05 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - विष्कम्भ प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:33 से 05:18 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 27 से रात्रि 01:03 जून 27 तक*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹पढ़ने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो ....*
*जिन बच्चों का पढ़ाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*
*१ ग्राम कपूर और मौलसिरी (बकुल) का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें ।*
*ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१*
*🔹बुखार दूर करने हेतु🔹*
*चरक संहिता के चित्किसा स्थान में ज्वर ( बुखार) की चित्किसा का विस्तृत वर्णन करने के बाद अंत में आचार्य श्री चरकजी ने कहा है :*
*विष्णुं सहस्रमूर्धानं चराचरपतिं विभुम ।*
*स्तुवन्नामह्स्त्रेण ज्वरान सर्वानपोहति ।*
*👉🏻 ‘हजार मस्तकवाले, चर-अचर के स्वामी, व्यापक भगवान की सहस्त्रनाम से स्तुति करने से अर्थात विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर छूट जाते हैं ।’*
*(पाठ रुग्ण स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी करें )*
*ऋषिप्रसाद – जून 2021 से*
*🔹कमरे में कैसा बल्ब लगायें ?*
*लाल रंग का बल्ब कमरे में लगाने से उसमें रहनेवाले का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है ।*
*इसलिए कमरे में पारदर्शक, आसमानी अथवा हरे रंग का बल्ब लगाओ ताकि कमरे में रहनेवाले आनंदित रहें ।*
*ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०२० से*
*🔹किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए🔹*
*संसार में और भगवान की प्राप्ति में सफल होने का सुंदर तरीका है :*
*१] अपनी योग्यता के अनुरूप परिश्रम में कोर-कसर न रखें ।*
*२] अंदर में त्याग-भावना हो । परिश्रम का फल, सफलता का फल भोगने की लोलूपता का त्याग हो ।*
*३] स्वभाव में स्नेह और सहानुभूति हो ।*
*४] लक्ष्यप्राप्ति के लिए तीव्र लगन हो ।*
*५] प्रफुल्लितता हो ।*
*६] निर्भयता हो ।*
*७] आत्मविश्वास हो ।*
*तो व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफल हो जायेगा ।*
*ऋषिप्रसाद – मई २०२० से*
*⛅दिनांक - 26 जून 2024*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - पंचमी रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*⛅नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 01:05 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग - विष्कम्भ प्रातः 06:14 तक तत्पश्चात प्रीति*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:41 से दोपहर 02:21 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:33 से 05:18 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - कोई नही*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 27 से रात्रि 01:03 जून 27 तक*
*⛅विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹पढ़ने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो ....*
*जिन बच्चों का पढ़ाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*
*१ ग्राम कपूर और मौलसिरी (बकुल) का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें ।*
*ऋषिप्रसाद – मार्च २०२१*
*🔹बुखार दूर करने हेतु🔹*
*चरक संहिता के चित्किसा स्थान में ज्वर ( बुखार) की चित्किसा का विस्तृत वर्णन करने के बाद अंत में आचार्य श्री चरकजी ने कहा है :*
*विष्णुं सहस्रमूर्धानं चराचरपतिं विभुम ।*
*स्तुवन्नामह्स्त्रेण ज्वरान सर्वानपोहति ।*
*👉🏻 ‘हजार मस्तकवाले, चर-अचर के स्वामी, व्यापक भगवान की सहस्त्रनाम से स्तुति करने से अर्थात विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से सब प्रकार के ज्वर छूट जाते हैं ।’*
*(पाठ रुग्ण स्वयं अथवा उसके कुटुम्बी करें )*
*ऋषिप्रसाद – जून 2021 से*
*🔹कमरे में कैसा बल्ब लगायें ?*
*लाल रंग का बल्ब कमरे में लगाने से उसमें रहनेवाले का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है ।*
*इसलिए कमरे में पारदर्शक, आसमानी अथवा हरे रंग का बल्ब लगाओ ताकि कमरे में रहनेवाले आनंदित रहें ।*
*ऋषिप्रसाद – सितम्बर २०२० से*
*🔹किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए🔹*
*संसार में और भगवान की प्राप्ति में सफल होने का सुंदर तरीका है :*
*१] अपनी योग्यता के अनुरूप परिश्रम में कोर-कसर न रखें ।*
*२] अंदर में त्याग-भावना हो । परिश्रम का फल, सफलता का फल भोगने की लोलूपता का त्याग हो ।*
*३] स्वभाव में स्नेह और सहानुभूति हो ।*
*४] लक्ष्यप्राप्ति के लिए तीव्र लगन हो ।*
*५] प्रफुल्लितता हो ।*
*६] निर्भयता हो ।*
*७] आत्मविश्वास हो ।*
*तो व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफल हो जायेगा ।*
*ऋषिप्रसाद – मई २०२० से*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 27 जून 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी शाम 06:39 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा सुबह 11:36 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - आयुष्मान रात्रि 12:28 जून 28 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:21 से शाम 04:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:33 से 05:18 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 28 से रात्रि 01:03 जून 28 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - रवि योग (प्रातः 11:36 जून 27 से 06:04 जून 28 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹व्यापार में वृद्धि हेतु🔹*
*🔸रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें । फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिड़क दें । ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी ।*
*ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१८ से*
*🔹स्वस्थ रहने के सरल सूत्र*🔹
*🔸प्रतिदिन योगासन करें, सम्भव न हो तो खुले हवादार स्थान में टहलें । सुबह की ताजी व शुद्ध वायु से शरीर में स्फूर्ति आती है तथा जीवनीशक्ति का विकास होता है ।*
*🔸रोज सुबह खाली पेट नीम की १५-२० पत्तियाँ खाने से उनमें विद्यमान जीवाणुनाशक 'इजेडिरेक्टिन' रसायन यकृत (लीवर) को स्वस्थ व मजबूत बनाता है । यह प्रयोग मोटापा घटाकर शरीर को सुडौल बनाता है ।*
*🔸भोजन में तेल, नमक व गर्म मसालों की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए । ये कई रोगों की जड़ हैं ।*
*🔸आँवला, नींबू, अदरक, हरड़ का उपयोग किसी-न-किसी रूप में प्रतिदिन करना चाहिए । ( रविवार और शुक्रवार को आँवला नहीं खाना चाहिए ।)*
*🔸 सौंफ को चबाकर खाने से या उसका रस चूसने से अथवा ४-५ ग्राम सौंफ का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से अफरा में लाभ होता है ।*
*🔸गुनगुना पानी ३-३ घंटे के अंतराल पर पीने से अपच में राहत मिलती है ।*
*📖लोक कल्याण 2014 जुलाई*
*🔹उपयोगी बातें🔹*
*🔸आरती के समय कपूर जलाने का विधान है । घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है ।*
*🔸कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काल कर देना भी हितावह है ।*
*🔸दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए । ज्योति की संख्या 1,3,5 या 7 होनी चाहिए ।*
*दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्त वाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है ।*
*⛅दिनांक - 27 जून 2024*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - षष्ठी शाम 06:39 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा सुबह 11:36 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - आयुष्मान रात्रि 12:28 जून 28 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*⛅राहु काल - दोपहर 02:21 से शाम 04:01 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:56*
*⛅सूर्यास्त - 07:29*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:33 से 05:18 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 28 से रात्रि 01:03 जून 28 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - रवि योग (प्रातः 11:36 जून 27 से 06:04 जून 28 तक)*
*⛅विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹व्यापार में वृद्धि हेतु🔹*
*🔸रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें । फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिड़क दें । ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी ।*
*ऋषिप्रसाद – जुलाई २०१८ से*
*🔹स्वस्थ रहने के सरल सूत्र*🔹
*🔸प्रतिदिन योगासन करें, सम्भव न हो तो खुले हवादार स्थान में टहलें । सुबह की ताजी व शुद्ध वायु से शरीर में स्फूर्ति आती है तथा जीवनीशक्ति का विकास होता है ।*
*🔸रोज सुबह खाली पेट नीम की १५-२० पत्तियाँ खाने से उनमें विद्यमान जीवाणुनाशक 'इजेडिरेक्टिन' रसायन यकृत (लीवर) को स्वस्थ व मजबूत बनाता है । यह प्रयोग मोटापा घटाकर शरीर को सुडौल बनाता है ।*
*🔸भोजन में तेल, नमक व गर्म मसालों की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए । ये कई रोगों की जड़ हैं ।*
*🔸आँवला, नींबू, अदरक, हरड़ का उपयोग किसी-न-किसी रूप में प्रतिदिन करना चाहिए । ( रविवार और शुक्रवार को आँवला नहीं खाना चाहिए ।)*
*🔸 सौंफ को चबाकर खाने से या उसका रस चूसने से अथवा ४-५ ग्राम सौंफ का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से अफरा में लाभ होता है ।*
*🔸गुनगुना पानी ३-३ घंटे के अंतराल पर पीने से अपच में राहत मिलती है ।*
*📖लोक कल्याण 2014 जुलाई*
*🔹उपयोगी बातें🔹*
*🔸आरती के समय कपूर जलाने का विधान है । घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है ।*
*🔸कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काल कर देना भी हितावह है ।*
*🔸दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए । ज्योति की संख्या 1,3,5 या 7 होनी चाहिए ।*
*दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्त वाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है ।*
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 28 जून 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी शाम 04:27 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 10:10 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग - सौभाग्य रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - प्रातः 11:02 से दोपहर 12:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:02*
*⛅सूर्यास्त - 07:20*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:21 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 29 से रात्रि 01:03 जून 29 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, रवि योग (प्रातः 06:04 से प्रातः 10:10 तक)*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🍍गर्मिशामक, शक्तिप्रदायक व स्वास्थ्यरक्षक अनन्नास पेय🍍*
*🔹ग्रीष्म ऋतु में शरीर में जलीय अंश की कमी तथा दुर्बलता, थकान, जठराग्नि की मंदता आदि समस्याएँ होती हैं । इनसे सुरक्षित रखेगा अनन्नास पेय ।*
*🔹आयुर्वेदानुसार अनन्नास मधुर, स्निग्ध, रुचिकर, शीतल, बलवर्धक, रक्तपित्त व वात-पित्त शामक, हृदय के लिए हितकर, पाचनशक्तिवर्धक तथा मूत्र खुलकर लानेवाला है ।*
*🔹इसमें कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस जैसे अनेक खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । हड्डियों तथा उत्तकों ( टिश्यू ) के विकास में सहायक मैंगनीज भी प्रचुर मात्रा में होता है । विटामिन सी की प्रचुरता होने से यह रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है ।*
*🔹यह भोजन में से लौह तत्व के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे खून की कमी दूर होती है । आधुनिक अनुसंधान के अनुसार यह टी.बी. में भी फायदेमंद है । यह आँतों की कीड़ों से रक्षा करता है तथा आँतों एवं गुर्दों (kidneys) को साफ रखता है । यह शरीर में से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे चयापचय ठीक होता है ।*
*🔸स्वास्थ्य-समस्याओं में :🔸*
*🔹पेशाब-संबंधी समस्या हो तो 100 मि.ली. अनन्नास पेय में 4 - 5 ग्राम गुड़ मिलाकर पियें ।*
*🔹पीलिया हो तो 100 मि.ली. पेय में 2 ग्राम हल्दी का चूर्ण व 3 ग्राम मिश्री मिलाकर पियें ।*
*🔹पाचन के समस्या हो तो 100 मि.ली. पेय में 1 - 2 ग्राम सेंधा नमक और 2 - 3 चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिला के पियें ।*
*🔹अतः बेहतरीन स्वाद व पौष्टिकता से भरपूर अनन्नास पेय का ग्रीष्म ऋतु में अवश्य लाभ लें । यह आश्रम में व समितियों के सेवाकेंद्र से प्राप्त हो सकता है । ताजा अनन्नास ले के घर में बनायें तो अति उत्तम है ।*
*⛅दिनांक - 28 जून 2024*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - ग्रीष्म*
*⛅मास - आषाढ़*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी शाम 04:27 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 10:10 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग - सौभाग्य रात्रि 09:39 तक तत्पश्चात शोभन*
*⛅राहु काल - प्रातः 11:02 से दोपहर 12:42 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:02*
*⛅सूर्यास्त - 07:20*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:38 से 05:21 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:15 से दोपहर 01:08 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:22 जून 29 से रात्रि 01:03 जून 29 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, रवि योग (प्रातः 06:04 से प्रातः 10:10 तक)*
*⛅विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है और शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🍍गर्मिशामक, शक्तिप्रदायक व स्वास्थ्यरक्षक अनन्नास पेय🍍*
*🔹ग्रीष्म ऋतु में शरीर में जलीय अंश की कमी तथा दुर्बलता, थकान, जठराग्नि की मंदता आदि समस्याएँ होती हैं । इनसे सुरक्षित रखेगा अनन्नास पेय ।*
*🔹आयुर्वेदानुसार अनन्नास मधुर, स्निग्ध, रुचिकर, शीतल, बलवर्धक, रक्तपित्त व वात-पित्त शामक, हृदय के लिए हितकर, पाचनशक्तिवर्धक तथा मूत्र खुलकर लानेवाला है ।*
*🔹इसमें कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस जैसे अनेक खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । हड्डियों तथा उत्तकों ( टिश्यू ) के विकास में सहायक मैंगनीज भी प्रचुर मात्रा में होता है । विटामिन सी की प्रचुरता होने से यह रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है ।*
*🔹यह भोजन में से लौह तत्व के अवशोषण को बढ़ाता है, जिससे खून की कमी दूर होती है । आधुनिक अनुसंधान के अनुसार यह टी.बी. में भी फायदेमंद है । यह आँतों की कीड़ों से रक्षा करता है तथा आँतों एवं गुर्दों (kidneys) को साफ रखता है । यह शरीर में से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे चयापचय ठीक होता है ।*
*🔸स्वास्थ्य-समस्याओं में :🔸*
*🔹पेशाब-संबंधी समस्या हो तो 100 मि.ली. अनन्नास पेय में 4 - 5 ग्राम गुड़ मिलाकर पियें ।*
*🔹पीलिया हो तो 100 मि.ली. पेय में 2 ग्राम हल्दी का चूर्ण व 3 ग्राम मिश्री मिलाकर पियें ।*
*🔹पाचन के समस्या हो तो 100 मि.ली. पेय में 1 - 2 ग्राम सेंधा नमक और 2 - 3 चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिला के पियें ।*
*🔹अतः बेहतरीन स्वाद व पौष्टिकता से भरपूर अनन्नास पेय का ग्रीष्म ऋतु में अवश्य लाभ लें । यह आश्रम में व समितियों के सेवाकेंद्र से प्राप्त हो सकता है । ताजा अनन्नास ले के घर में बनायें तो अति उत्तम है ।*